भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई Swachh & Green School Survey (SHVR) 2025-26 एक परिवर्तनकारी पहल है, जो देश के शैक्षणिक परिदृश्य में एक नया अध्याय लिख रही है। यह कार्यक्रम न केवल School में स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा देता है, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और मिशन LiFE के साथ पूर्ण तालमेल बिठाकर एक समग्र और टिकाऊ शिक्षा वातावरण का निर्माण करता है। 29 जुलाई 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा अखिल भारतीय शिक्षा समागम के दौरान लॉन्च किया गया यह कार्यक्रम, पूर्व में संचालित स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (SVP) का विस्तारित और सार्वभौमिक संस्करण है
Table of Contents
पृष्ठभूमि और विकास: SVP से SHVR तक का सफर
स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग का विकास 2016 में शुरू हुए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (SVP) की नींव पर आधारित है। SVP को स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्कूलों में स्वच्छता की उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए एक स्वैच्छिक कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था। हालांकि, SHVR 2025-26 में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं जो इसे अपने पूर्ववर्ती से अलग बनाते हैं।
सबसे प्रमुख अंतर यह है कि जहां SVP एक स्वैच्छिक और पुरस्कार-आधारित कार्यक्रम था, वहीं SHVR सभी UDISE+ कोड वाले स्कूलों के लिए एक अनिवार्य कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम पारंपरिक जल, स्वच्छता और स्वच्छता (WASH) मापदंडों के साथ पर्यावरणीय स्थिरता को एकीकृत करता है, जिससे एक व्यापक मूल्यांकन प्रणाली का निर्माण होता है।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSEL) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के सहयोग से विकसित यह कार्यक्रम डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए स्कूलों का व्यापक मूल्यांकन करता है। यह भारत में सभी प्रकार के स्कूलों में स्वच्छता और हरित प्रथाओं को संयोजित करने वाला पहला अनिवार्य, डिजिटल रूप से संचालित रेटिंग कार्यक्रम है।
मुख्य उद्देश्य और महत्व
दूसरा मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है, जो मिशन LiFE गतिविधियों जैसे ऊर्जा संरक्षण, पुनर्चक्रण और इको-क्लब पहलों के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करता है। तीसरा उद्देश्य व्यवहार परिवर्तन पर केंद्रित है, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और समुदायों में टिकाऊ और स्वच्छ प्रथाओं को अपनाने के लिए जागरूकता और क्षमता निर्माण करना शामिल है।
चौथा उद्देश्य समावेशी वातावरण का निर्माण है, जो NEP 2020 के साथ संरेखित होकर सुरक्षित, समावेशी और टिकाऊ स्कूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देता है। पांचवां और अंतिम उद्देश्य उत्कृष्टता की मान्यता है, जिसके तहत 60-सूचक सर्वेक्षण के आधार पर स्कूलों को 5-तारा रेटिंग देकर निरंतर सुधार को प्रोत्साहित करना और शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को मान्यता देना है।

मूल्यांकन पद्धति: 60 संकेतकों पर आधारित व्यापक सर्वेक्षण
SHVR 2025-26 की सबसे विशिष्ट विशेषता इसका 60-संकेतक आधारित व्यापक सर्वेक्षण है, जो स्कूलों का बहुआयामी मूल्यांकन करता है। यह सर्वेक्षण छह मुख्य श्रेणियों में विभाजित है, जिसमें प्रत्येक श्रेणी में अलग-अलग संख्या में प्रश्न शामिल हैं।
जल (Water) श्रेणी में 9 प्रश्न हैं, जो स्कूल में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता, जल भंडारण सुविधाओं, जल गुणवत्ता परीक्षण और जल संरक्षण उपायों का मूल्यांकन करते हैं। शौचालय (Toilets) श्रेणी में 12 प्रश्न हैं, जो लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालयों की उपलब्धता, उनकी कार्यप्रणाली, स्वच्छता और दिव्यांगजनों के लिए सुगम्यता का आकलन करते हैं।
साबुन से हाथ धोना (Handwashing with Soap) श्रेणी में 6 प्रश्न हैं, जो हाथ धोने की सुविधाओं की उपलब्धता, साबुन की नियमित आपूर्ति और हाथ धोने की शिक्षा पर केंद्रित हैं। संचालन एवं रखरखाव (Operation & Maintenance) श्रेणी में 13 प्रश्न हैं, जो सफाई व्यवस्था, रखरखाव प्रक्रियाओं और अपशिष्ट प्रबंधन का मूल्यांकन करते हैं।
व्यवहार परिवर्तन एवं क्षमता निर्माण (Behaviour Change & Capacity Building) श्रेणी में 9 प्रश्न हैं, जो स्वच्छता शिक्षा, समुदायिक भागीदारी और जागरूकता कार्यक्रमों पर ध्यान देते हैं। अंतिम श्रेणी मिशन LiFE गतिविधियां (Mission LiFE Activities) में 11 प्रश्न हैं, जो पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा बचत, पुनर्चक्रण और हरित प्रथाओं का आकलन करते हैं।
डिजिटल भागीदारी और तकनीकी प्लेटफॉर्म
पंजीकरण प्रक्रिया में स्कूलों को अपने UDISE+ कोड का उपयोग करना होता है, जिससे उनकी बुनियादी जानकारी स्वतः भर जाती है। इसके बाद स्कूलों को अतिरिक्त जानकारी जैसे पता, संपर्क विवरण और अन्य आवश्यक डेटा भरना होता है। सफल पंजीकरण के बाद, स्कूल अपना स्व-मूल्यांकन कर सकते हैं और प्रत्येक प्रश्न के लिए उचित फोटो साक्ष्य अपलोड कर सकते हैं।
रेटिंग प्रणाली और मान्यता संरचना
मान्यता की संरचना तीन स्तरों पर आधारित है: जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले से आठ स्कूलों का चयन किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण श्रेणी I और II से तीन-तीन स्कूल और शहरी श्रेणी I और II से एक-एक स्कूल शामिल हैं।
राज्य स्तर पर प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से 5-स्टार रेटिंग वाले अधिकतम 20 स्कूलों का चयन किया जाएगा। इसमें ग्रामीण श्रेणी I से सात, ग्रामीण श्रेणी II से सात, शहरी श्रेणी I से तीन और शहरी श्रेणी II से तीन स्कूल शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कुल 200 शीर्ष प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।

समयसीमा और कार्यान्वयन प्रक्रिया
SHVR 2025-26 की कार्यान्वयन प्रक्रिया एक निर्धारित समयसीमा के अनुसार संचालित हो रही है। पंजीकरण प्रक्रिया 1 अगस्त 2025 से शुरू हुई है और सभी पात्र स्कूलों को 30 सितंबर 2025 तक अपना स्व-मूल्यांकन पूरा करना आवश्यक है।
स्व-मूल्यांकन पूरा होने के बाद, जिला स्तर पर सत्यापन प्रक्रिया शुरू होगी। जिलाधिकारी या उनके नामित अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें ख्याति प्राप्त शिक्षक, अधीक्षण अभियंता, जिला स्वास्थ्य अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
जिला स्तरीय सत्यापन अक्टूबर 2025 के अंतिम सप्ताह तक पूरा किया जाना है। इसके बाद राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तरीय मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। यह संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संचालित की जा रही है ताकि वास्तव में योग्य स्कूलों को उचित मान्यता मिल सके।
लाभ और प्रभाव
SHVR 2025-26 के अपेक्षित लाभ बहुआयामी हैं और इसका प्रभाव शैक्षणिक व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर पड़ने की संभावना है। सबसे महत्वपूर्ण लाभ छात्र स्वास्थ्य में सुधार है, क्योंकि बेहतर स्वच्छता सुविधाओं से संक्रमण का खतरा कम होता है और स्कूली बच्चों में बीमारी की दर घटती है।
पर्यावरण जागरूकता का विकास एक और महत्वपूर्ण लाभ है, जो छात्रों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना का विकास करता है। मिशन LiFE गतिविधियों के माध्यम से छात्र ऊर्जा संरक्षण, पुनर्चक्रण और टिकाऊ जीवन शैली के महत्व को समझते हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार भी एक स्वाभाविक परिणाम है, क्योंकि स्वच्छ और हरित वातावरण छात्रों की एकाग्रता और सीखने की क्षमता को बढ़ाता है। इससे शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है और स्कूल छोड़ने की दर में कमी आती है।
सामुदायिक भागीदारी में वृद्धि भी एक महत्वपूर्ण प्रभाव है, क्योंकि SHVR कार्यक्रम माता-पिता, स्थानीय समुदाय और स्कूल प्रबंधन समिति की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। यह भागीदारी स्कूल और समुदाय के बीच मजबूत संबंध बनाती है।
- “जानिए उद्देश्य” →
/objectives - “मूल्यांकन मानदंड देखें” →
/criteria - “लाभ और पुरस्कार देखें” →
/benefits “सामान्य प्रश्न (FAQ)” →
/faq- Sub Pages → Landing Page:
- “मुख्य गाइड पर वापस जाएँ” →
/green-clean-school-survey-2025 Related Articles / Internal Links:
- स्वच्छ भारत मिशन 2025
- हरित भारत अभियान 2025
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
चुनौतियां और समाधान
SHVR 2025-26 के सफल कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं जिन पर ध्यान देना आवश्यक है। सबसे प्रमुख चुनौती डिजिटल साक्षरता की कमी है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य और जिला स्तर पर व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
संसाधनों की कमी भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है, विशेषकर उन स्कूलों में जहां बुनियादी सुविधाएं अपर्याप्त हैं। सरकार इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता और तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है।
जागरूकता की कमी भी एक समस्या है, लेकिन व्यापक प्रचार-प्रसार और मीडिया कवरेज के माध्यम से इसे दूर किया जा रहा है। शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और अन्य हितधारकों के लिए नियमित कार्यशालाओं का आयोजन भी इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
भविष्य की दिशा और दीर्घकालिक लक्ष्य
SHVR 2025-26 केवल एक मूल्यांकन कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक स्थायी सुधार की शुरुआत है। इस कार्यक्रम का दीर्घकालिक लक्ष्य प्रत्येक भारतीय स्कूल को एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान बनाना है जो न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करे, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के मामले में भी उदाहरण प्रस्तुत करे।
भविष्य में इस कार्यक्रम को और भी अधिक व्यापक बनाने की योजना है, जिसमें नई तकनीकों का उपयोग, अधिक मापदंडों का समावेश और अंतर्राष्ट्रीय बेस्ट प्रैक्टिसेज का अपनाना शामिल है। यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ भी पूर्ण तालमेल रखता है।स्वच्छ एवं
हरित विद्यालय मूल्यांकन सर्वेक्षण 2025-26
| Sub Page | URL | Focus Keyword | Purpose |
| उद्देश्य (Objectives) | https://newskhabar.net/green-clean-school-survey-2025/objectives | स्वच्छ एवं हरित विद्यालय उद्देश्य 2025 | सर्वेक्षण के लक्ष्य और उद्देश्य समझाना |
| मानदंड (Criteria) | https://newskhabar.net/green-clean-school-survey-2025/criteria | Green School Evaluation Criteria 2025 | मूल्यांकन के मानदंड और प्रक्रिया बताना |
| लाभ (Benefits) | https://newskhabar.net/green-clean-school-survey-2025/benefits | हरित विद्यालय लाभ 2025 | स्कूलों को मिलने वाले लाभ और पुरस्कार दिखाना |
| FAQ | https://newskhabar.net/green-clean-school-survey-2025/faq | Swachh & Green School Survey FAQ 2025 | सामान्य सवाल-जवाब और समस्या समाधान |
निष्कर्ष
स्वच्छ एवं हरित विद्यालय मूल्यांकन सर्वेक्षण 2025-26 भारतीय शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है जो स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को शिक्षा के साथ एकीकृत करती है। यह कार्यक्रम न केवल वर्तमान पीढ़ी के छात्रों को बेहतर शिक्षा वातावरण प्रदान करता है, बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी तैयार करता है।
SHVR 2025-26 की सफलता का आधार सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी है – चाहे वे शिक्षक हों, प्रधानाध्यापक हों, छात्र हों या अभिभावक। यह कार्यक्रम दिखाता है कि जब सरकारी नीति, तकनीकी नवाचार और सामुदायिक भागीदारी एक साथ मिलते हैं, तो कैसे व्यापक सामाजिक परिवर्तन संभव होता है।
इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के माध्यम से भारत एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहा है जहां प्रत्येक स्कूल एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ शिक्षा केंद्र होगा। यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएगा, बल्कि एक स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
FAQs (Frequently Asked Questions)
स्वच्छ एवं हरित विद्यालय मूल्यांकन सर्वेक्षण 2025-26 क्या है?
यह एक राष्ट्रीय पहल है जिसके अंतर्गत स्कूलों का मूल्यांकन स्वच्छता, हरित वातावरण और टिकाऊ संसाधनों के आधार पर किया जाता है।
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य स्कूलों में स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-हितैषी वातावरण बनाना है।
इस सर्वेक्षण में किन मानदंडों पर मूल्यांकन होता है?
स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण, हरित क्षेत्र, ऊर्जा उपयोग और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं पर।
इसमें कौन भाग ले सकता है?
देशभर के सरकारी और निजी स्कूल इस मूल्यांकन में भाग ले सकते हैं।
इसका स्कूलों को क्या लाभ होगा?
मान्यता, रैंकिंग और पुरस्कार मिलने के साथ-साथ स्कूल की साख और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
My कृष्ण कुमार NеwsKhabar.Nеt आपकी ताजा खबरों का स्रोत!
NеwsKhabar.Nеt पर आपका स्वागत है! हम आपको प्रदान करते हैं सबसे ताजा समाचार सुर्खियाँ, रोजगार अपडेट्स और ब्रेकिंग न्यूज़। चाहे आप सरकारी नौकरियों के अवसरों की तलाश में हों, क्षेत्रीय समाचारों से अपडेट रहना चाहते हों, या देश-दुनिया की टॉप स्टोरीज़ जानना चाहते हों NеwsKhabar.Nеt आपकी सभी आवश्यकताओं के लिए एकमात्र भरोसेमंद स्रोत है!लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट विजिट करें:-Contact us: krishnamahto0.24u@gmail.com



