Eid Bakrid 2024: तारीख, महत्व, और मनाने का तरीका

Eid Bakrid 2024 की जिसे ईद उल अज़हा भी कहा जाता है इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार बलिदान विश्वास और भाईचारे का प्रतीक है। हर साल मुस्लिम समुदाय इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाते  है।

Eid Bakrid 2024 की तारीख

Eid Bakrid 2024 (ईद उल अज़हा) 17 जून को मनाई जाएगी। हालांकि इस्लामी कैलेंडर चांद के आधार पर होता है इसलिए तारीख एक दिन आगे या पीछे भी हो सकती है। सही तारीख की पुष्टि चांद को देखने पर निर्भर करती है। ईद बकरीद जिसे ईद उल अज़हा भी कहा जाता है इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे बलिदान के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है और यह पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है इस दिन को पूरे मुस्लिम समुदाय द्वारा बड़े धूम धाम और श्रद्धा के साथ मानते है। यहाँ बताया गया है कि ईद बकरीद कैसे मनाई जाती है

Eid Bakrid 2024 की मनाने के तरीके

 Eid Bakrid 2024 के दिन की शुरुआत विशेष नमाज (ईद की नमाज) से होती है। यह नमाज आमतौर पर मस्जिदों  ईदगाहों या खुले मैदानों में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा अदा की जाती है। नमाज अदा करने से पहले और बाद में खुतबा (धार्मिक उपदेश) दिया जाता है।

Eid Bakrid 2024 की कुर्बानी (बलिदान

नमाज के बाद जानवरों (जैसे बकरी भेड़ गाय या ऊँट) की कुर्बानी दी जाती है। यह कुर्बानी पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की उस महान कुर्बानी की याद में की जाती है जब उन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माईल (अलैहिस्सलाम) की कुर्बानी देने के लिए तत्परता दिखाई थी। कुर्बानी का मांस तीन भागों में बांटा जाता है: एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए और तीसरा हिस्सा अपने परिवार के लिए रखा जाता है।

Eid Bakrid 2024: तारीख, महत्व, और मनाने का तरीका

Eid Bakrid 2024 की खाने पीने का आयोजन

ईद बकरीद के दिन विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर दावतों का आनंद लिया जाता है। विशेष पकवानों में बिरयानी कबाब मटन करी और मिठाइयाँ शामिल होती हैं। बांटना और दान

कुर्बानी के मांस को जरूरतमंदों में बांटना और उन्हें मदद पहुंचाना ईद बकरीद के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है। यह दिन सेवा और दान का भी प्रतीक है। इस दिन को सेवा और आध्यात्मिकता के साथ मनाया जाता है और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की जाती है।

Eid Bakrid 2024 की नए कपड़े के पहनना

लोग इस दिन नए और सुंदर कपड़े पहनते हैं। यह एक खुशी और उमंग का प्रतीक है। विशेष रूप से बच्चे इस दिन नए कपड़े और खिलौनों का आनंद लेते हैं। मिलना जुलना: ईद बकरीद के अवसर पर परिवार और दोस्त एक दूसरे से मिलते हैं ईद की मुबारकबाद देते हैं और एक साथ समय बिताते हैं। एक दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएं देने का रिवाज होता है। ईद बकरीद सिर्फ एक त्योहार नहीं है यह बलिदान सेवा और भाईचारे का संदेश देता है। यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों और सेवा की याद दिलाता है और हमें एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देता है।

Eid Bakrid निष्कर्ष

  Eid Bakrid 2024 की जिसे ईद उल अज़हा भी कहा जाता है एक महत्वपूर्ण इस्लामी त्योहार है जो बलिदान सेवा और भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की महान कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। 2024 में ईद बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी हालांकि इस्लामी कैलेंडर चांद पर आधारित होने के कारण तारीख एक दिन आगे या पीछे हो सकती है। इस दिन की शुरुआत विशेष नमाज अदा करने से होती है जिसके बाद जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है:

आर्टिकल नाम Eid Bakrid 2024
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यहाँ 2024 में ईद बकरीद (ईद-उल-अधा) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी के साथ एक तालिका प्रस्तुत है
विषयविवरण
त्योहार का नामईद-उल-अधा (बकरीद)
तारीख28 जून 2024 (इस्लामी कैलेंडर के अनुसार तारीखों में अंतर संभव है)
दिनशुक्रवार
मुख्य समारोहकुर्बानी (पशु बलि), नमाज, त्याग और सेवा का संदेश
प्रमुख गतिविधियाँमस्जिद में विशेष नमाज, परिवार और मित्रों के साथ मिलना, दावतें
कुर्बानी का समयविशेष नमाज के बाद और तीन दिनों तक (10 से 12 धू अल-हिज्जा)
कुर्बानी के हिस्सेएक हिस्सा गरीबों में वितरित, एक हिस्सा परिवार और एक हिस्सा मित्रों और पड़ोसियों में बांटा जाता है
सरकारी छुट्टीहाँ, अधिकांश देशों में यह एक सार्वजनिक अवकाश होता है

यह तालिका 2024 में ईद बकरीद के त्योहार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है।

  Eid Bakrid 2024 की  हमें अपने जीवन में उच्चतम आदर्शों और मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि सच्ची खुशी और संतोष दूसरों की सेवा और सहायता में निहित है। पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की महान कुर्बानी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा विश्वास और समर्पण क्या होता है और कैसे हमें अपने जीवन में दूसरों की भलाई के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए। ईद बकरीद का मूल संदेश बलिदान सेवा और एकता में निहित है। यह त्योहार हमें हमारे कर्तव्यों का पालन करने और जरूरतमंदों की मदद करने और उन्हें खुशी और सहारा देने के महत्व को समझाता है। ईद बकरीद या ईद उल अधा जो कुर्बानी का त्योहार है

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार धू अल हिज्जा महीने के दसवें दिन मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान पैगंबर इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) की उस महान कुर्बानी को याद करते हैं जब उन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने पुत्र इस्माइल (अलैहिस्सलाम) को कुर्बान करने की तैयारी की थी। अल्लाह ने उनकी निष्ठा को परखते हुए एक भेड़ को कुर्बानी के लिए भेजा था। इस पवित्र दिन पर मुसलमान अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करते हुए जानवरों (जैसे भेड़ बकरी गाय ऊंट) की कुर्बानी करते हैं। इस कुर्बानी का मांस तीन भागों में बांटा जाता है एक हिस्सा परिवार के लिए दूसरा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों के लिए। यह बलिदान और उदारता की भावना को दर्शाता है।

Krishna
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