Sunday, April 20, 2025
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Rakraksha bandhan 2024: त्योहार की महत्ता और तैयारी

Rakraksha bandhan 2024: त्योहार की महत्ता और तैयारी

Rakraksha bandhan 2024 जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है भारतीय संस्कृति में भाई बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। रक्षाबंधन का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है ?

Rakraksha bandhan 2024 की ऐतिहासिक और पौराणिक का महत्व

भगवान कृष्ण और द्रौपदी: महाभारत में एक प्रसिद्ध कथा है जब भगवान कृष्ण ने अपनी ऊँगली काट ली थी और द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी ऊँगली पर बांध दिया था। इस घटना ने कृष्ण को द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया।
रानी कर्णावती और हुमायूं: मध्यकालीन भारत की एक और कहानी में चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी रक्षा के लिए सहायता मांगी थी। हुमायूं ने रानी की रक्षा के लिए अपने सैनिक भेजे और उनका सम्मान किया।

Rakraksha bandhan 2024: त्योहार की महत्ता और तैयारी

Rakraksha bandhan 2024 की सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

भाई बहन के रिश्ते की मजबूती: रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। यह पर्व उन्हें एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है।
सामाजिक एकता: रक्षाबंधन केवल भाई बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है। यह समाज में आपसी प्रेम और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। विभिन्न समुदायों और धर्मों के लोग भी इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
सकारात्मकता और शुभकामनाएं: इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की आर्थिक महत्व
रक्षाबंधन का आर्थिक महत्व भी कम नहीं है। इस त्योहार के अवसर पर बाजारों में खास रौनक रहती है। लोग राखी  मिठाई कपड़े और अन्य उपहार खरीदते हैं जिससे व्यापार में भी वृद्धि होती है।
कामना करती हैं। वहीं भाई भी अपनी बहनों की सुरक्षा और खुशहाली का वचन देते हैं।

Rakraksha bandhan 2024 पूजा की समय सारिणी

पूजा का कार्यसमय
रक्षाबंधन तिथि प्रारंभ19 अगस्त 2024, सोमवार, 10:45 AM
रक्षाबंधन तिथि समाप्त20 अगस्त 2024, मंगलवार, 08:30 AM
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त19 अगस्त 2024, सोमवार, 01:55 PM से 04:50 PM
अपराह्न काल01:55 PM से 04:50 PM
प्रदोष काल06:30 PM से 08:50 PM

Rakraksha bandhan 2024 की रक्षाबंधन की तैयारी

रक्षाबंधन की तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण होती है राखी। बाजार में विभिन्न प्रकार की राखियाँ उपलब्ध होती हैं जिनमें चांदी  सोने मोती और कंगन राखियाँ प्रमुख हैं। इसके अलावा मिठाइयाँ और उपहार भी रक्षाबंधन की तैयारी का अहम हिस्सा होते हैं।

Rakraksha bandhan 2024 घर पर राखी कैसे बनाएं

राखी बनाने का तरीका सरल और रचनात्मक हो सकता है। इसे आप अपने भाई के लिए विशेष बना सकते हैं। यहाँ घर पर राखी बनाने की विधि दी गई है ?

Rakraksha bandhan 2024 की सामग्री

रंगीन धागे या रिबन
मोती सितारे या अन्य सजावटी वस्तुएं
छोटे छोटे फूल बटन या चूड़ियाँ
कैंची
गोंद ,फेविकोल या ग्लू गन
एक छोटी सी कार्डबोर्ड की गोलाई /बेहतर मजबूती के लिए/

Rakraksha bandhan 2024 की विधि

धागे का चयन और काटना: सबसे पहले रंगीन धागों का चयन करें। आप रेशम के धागे या फिर सूती धागों का उपयोग कर सकते हैं। धागे को लगभग 12 इंच लम्बा काट लें।
धागे को गूंथना: अब इन धागों को एक साथ मिलाकर गूंथ लें। इसके लिए तीन या अधिक धागों को लेकर चोटी बनाएं। इसे आप अपने भाई की कलाई के अनुसार छोटा या बड़ा बना सकते हैं।
सजावटी वस्त्रों का चयन: अब आप मोती  सितारे बटन छोटे फूल आदि का चयन करें जिन्हें आप राखी पर सजाएंगे।
सजावटी वस्त्रों को जोड़ना: एक छोटी सी कार्डबोर्ड की गोलाई काटें और इसे धागे के बीच में चिपका दें। इसके ऊपर मोती सितारे या फूल चिपकाएं। गोंद का उपयोग करते हुए इन्हें मजबूती से चिपका दें।
अंतिम सजावट: अब इस कार्डबोर्ड की गोलाई को रंगीन धागों से सजाएं। आप चाहें तो इसे और भी सुंदर बनाने के लिए रंगीन रिबन का उपयोग कर सकते हैं।
गोंद को सूखने देना: गोंद को अच्छी तरह से सूखने दें ताकि सजावटी वस्त्र अच्छी तरह से चिपक जाएं।
तैयार राखी: अब आपकी राखी तैयार है। इसे अपने भाई की कलाई पर बांधें और उसकी लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करें।

Rakraksha bandhan 2024 की वीडियो सहायता

यदि आप राखी बनाने की प्रक्रिया को और भी स्पष्टता से समझना चाहते हैं तो यूट्यूब या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर राखी बनाने के वीडियो देख सकते हैं। वहाँ आपको विभिन्न प्रकार की राखियाँ बनाने की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी।

Rakraksha bandhan 2024 की रक्षाबंधन के उपहार

भाई अपनी बहनों को इस दिन उपहार देते हैं। यह उपहार कुछ भी हो सकता है जैसे कि कपड़े ज्वेलरी किताबें या फिर कोई ऐसा आइटम जो उनकी बहन की पसंद का हो।

Rakraksha bandhan 2024 रक्षाबंधन पर विशेष मिठाइयाँ

मिठाइयों का रक्षाबंधन पर विशेष महत्व होता है। लड्डू बर्फी काजू कतली और रसगुल्ले इस दिन की मिठास को और भी बढ़ा देते हैं। आप घर पर भी विभिन्न मिठाइयाँ को भी बना सकते हैं या बाजार से भी इन मिठाइयाँ को खरीद सकते हैं

रक्षाबंधन के दिन की विशेष पूजा

रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करें। पूजा की थाली में राखी रोली चावल दीपक और मिठाई रखें। भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पूजा करें।

रक्षाबंधन के दिन की पूजा की सामग्री

रक्षाबंधन के दिन की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है ?
राखी: भाई की कलाई पर बांधने के लिए सुंदर राखी।
रोली (कुमकुम): तिलक लगाने के लिए।
चावल (अक्षत): तिलक के साथ लगाने के लिए।
दीपक और बाती: पूजा की थाली में दीपक जलाने के लिए।
धूपबत्ती: पूजा के समय वातावरण को सुगंधित करने के लिए।
मिठाई: भाई को खिलाने और पूजा में अर्पित करने के लिए।
नारियल: पूजा में अर्पित करने और भाई को देने के लिए।
कलावा (मौली): भाई की कलाई पर बांधने के लिए।
एक थाली: सभी पूजा सामग्री रखने के लिए।

Rakraksha bandhan 2024: त्योहार की महत्ता और तैयारीरक्षाबंधन के दिन हर भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। 

रक्षाबंधन के दिन की पूजा की विधि

रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन की पूजा और रस्में विशेष महत्व रखती हैं। रक्षाबंधन 2024 में 19 अगस्त को मनाया जाएगा। यहाँ रक्षाबंधन के दिन की पूजा की विधि दी गई है ?
स्नान और शुद्धिकरण: सबसे पहले सुबह सुबह स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
पूजा स्थल की तैयारी: पूजा की थाली में राखी रोली चावल दीपक धूपबत्ती और मिठाई रखें। भगवान की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और धूपबत्ती जलाएं।
भगवान गणेश की पूजा: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें क्योंकि वे विघ्नहर्ता माने जाते हैं। भगवान गणेश को रोली  चावल फूल और मिठाई अर्पित करें।

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भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें रोली चावल  फूल और मिठाई अर्पित करें। उनके चरणों में जल अर्पित करें।
भाई को आसन पर बैठाएं: अब अपने भाई को आसन पर बैठाएं। उसकी कलाई पर राखी बांधने से पहले उसके माथे पर रोली और चावल का तिलक लगाएं।
राखी बांधना: अपने भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें। राखी बांधते समय भाई की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करें।

राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं।

नारियल और कलावा: भाई को नारियल और कलावा दें। नारियल को पूजा स्थल पर रखें और कलावा भाई की कलाई पर बांधें।
भाई का आशीर्वाद लेना: राखी बांधने के बाद भाई के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें। भाई भी अपनी बहन को उपहार देकर उसकी रक्षा का वचन देता है।

Rakraksha bandhan 2024 की रक्षाबंधन के विशेष मंत्र

रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय विशेष मंत्रों का उच्चारण करना शुभ माना जाता है। ये मंत्र भाई बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाते हैं और भाई की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करते हैं। यहाँ रक्षाबंधन के कुछ विशेष मंत्र दिए गए हैं:

राखी बांधने का मंत्र

   
जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है  तो निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण किया जाता है । इस मंत्र की जाप
येन बद्धो बलिराजा,दानवेन्द्रो महाबल ,तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे,मा चल मा चल।। बहन राखी बांधते समय इसी मंत्र की जाप करनी चाहिए 
इस मंत्र का अर्थ है: “जिससे महान बलि राजा को बांधा गया था उसी धागे से मैं तुम्हें बांधता हूँ। यह धागा तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें कभी विचलित नहीं होने देगा।”

भाई की लंबी उम्र के लिए मंत्र

भाई की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण किया जाता है । इस मंत्र की जाप
सर्वे,भद्राणि पश्यन्तु मा,कश्चिद् दु: खभाग्भवेत्स ,र्वत्र सुखिन , सन्तु सर्वे सन्तु,निरामयाः।।”
इस मंत्र का अर्थ है: “सबके लिए शुभता हो कोई भी दुःख का भागी न बने। सब लोग सुखी रहें और सभी निरोगी हों।”

Rakraksha bandhan 2024 की रक्षा सूत्र बांधने का मंत्र

जब रक्षा सूत्र (मौली) बांधते हैं तो निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण किया जाता है ?
रक्षाबन्धनमित्याह,रक्षासं बध्नमीश्वर,येन बद्धो बली राजा ,दानवेन्द्रो महाबल
इस मंत्र काअर्थ है रक्षाबंधन कि यह ईश्वर की रक्षासूत्र है। जैसेकी  महान बलि राजा को बांधा गया था  इसी तरह ही यह तुम्हारी रक्षा हमेसा करेगा ?

Rakraksha bandhan 2024 की सुख समृद्धि के लिए मंत्र

सुख समृद्धि के लिए निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण किया जाता है ?
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।”
इस मंत्र का अर्थ है: “जो सभी मंगल कार्यों में मंगलदायिनी हैं सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाली हैं त्रैमूलिक गौरि तुमको नमस्कार है।”

निष्कर्ष

रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। इस दिन की तैयारी पूजा और साथ बिताया गया समय यादगार होता है। रक्षाबंधन 2024 के इस शुभ अवसर पर सभी भाइयों और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएँ!
इस रक्षाबंधन पर आप भी अपने भाई बहन के साथ इस विशेष दिन का आनंद लें और इस पर्व को यादगार बनाएं।

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